रिपल्शन मोटर क्या है कितने प्रकार के होते हैं? | Repulsion motor in Hindi

रिपल्शन मोटर क्या  है

हम जानते हैं कि समान चुंबकीय ध्रुवों मैं प्रतिकर्षण विद्यमान होता है इसी सिद्धांत के आधार पर यह मोटर कार्य करती है यद्यपि रिपल्शन मोटर की बनावट जटिल तथा मूल अधिक होता है तो भी उस पर प्रारंभिक टॉर्क  निम्न प्रारंभिक विद्युत धारा अधिक लोड वाहक क्षमता तथा सरल घूर्णन दिशा परिवर्तन आदि गुणों के कारण उद्योगों में इसका प्रयोग होता है।

संरचना Construction

इसमें एक स्टेटस होता है जिस की संरचना सामान प्रकार की सिंगल फेस मोटर के समान होती है स्टेटर के बीच एक आर्मेचर कम्यूटेटर तथा दो कार्बन ब्रशज होते हैं आर्मेचर वाइंडिंग को कार्बन ब्रश के दौरा शॉर्ट सर्किट कर दिया जाता है कार्बन ब्रशज को स्थिति की चुंबकीय अंश से लगभग 20 अंश के अंतर पर स्थापित किया जाता

कार्यप्रणाली Working System

जब स्टेटर को एकल-फेज ए.सी. स्रौत से संयोजित किया जाता है तो वह एक प्रत्यावती (अल्टरनेट) चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित करता है इस प्रत्यावती चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा ‘ट्रासफर्मिशन प्रक्रिया’ के कारण आमेंचर वाइंडिंग में वि.वा.य. प्रेरित हो जाता है जो अपना स्वपं का चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित करता है। लेज के नियमानुसार, आमेंचर द्वारा स्थापित चुम्बकीय क्षेत्र तथा मुख्य चुम्बकीय क्षेत्र एक-दूसरे को प्रतिकषण करने वाते स्वभाव के होते हैं फलत: आमेचर में प्रतिकर्षण प्रक्रिया के कारण टॉर्क उत्पन्न हो जाता है और रोटर, घूर्णन-गति करने लगता है।

घर्णन-दिशा परिवर्तन Variation in Rotating Direction

यदि कार्बन ब्रशेज को खिसकाकर दाई ओर से स्टेटर चुम्बकीय अंश के 20″ बाई ओर कर दिया जाए तो मोटर की पूर्णन दिशा परिवर्तित हो जाती है। इस प्रकार स्टेटर या रोटर वाइंडिंग के संयोजनों को दिशा परिवर्तित किए बिना ही, मोटर की घूर्णन-दिशा परिवर्तित की जा सकती है। इसके अतिरिक्त,

कार्बन ब्रशेज को स्टेटर चुम्बकीय अंश को ओर थोड़ा सा खिसकाने पर मोटर की घूर्णत-गति कम हो जाती है। यदि कार्वन ब्रशेज को खिसकाकर स्टेटर तथा रोटर की चुम्बकीय अशों को सरेखीय कर दिया जार तो मोटर की घूर्णन-गति को शून्य तक घटाया जा सकता है। इस प्रकार, रिपल्शन मोटर की घूर्णन-गति को अधिकतम दक्षिणावर्त-शुन्य-अधिकतम वामावर्तं (maximum clockwise-zero-maximum anticlockwise) के बोच परिवर्तित किया जा सकता है।

रिपल्शन मोटर्स की प्रकार Types of Repulsion Motors

सभी प्रकार की रिपल्शन मोटर् में स्टेटर को संरचना लगभग एक जैसी होती है, परन्तु रोटर या आम्मेंचर की संरचना में भिन्नता विद्यमान होती है, इस आधार पर रिपल्शन मोटर्स को निम्न चार वर्गों में वर्गींकृत किया जा सकता है।

सामान्य रिपल्शन मोटर Plain Repulsion Motor

इस प्रकार की मोटर के रोटर की सरचना उपर्युक्त शीर्षक में वरणित मोटर के समान होती है अर्थात् कार्वन ब्रशेज को ‘शॉर्ट सर्किट’ कर दिया जाता है। इसका प्रारम्भिक टॉर्क उच्च तथा प्रारम्भिक विद्युत धारा निम्न होती है इसका उपयोग क्रेन आदि में किया जाता है।

कम्पेन्सेटेड रिपल्शन मोटर Copensated Repulsion Motor

इस प्रकार की मोटर के स्टेटर पर कम्पेन्सेटेड वाइंडिंग भी स्थापित को जाती है और उसे कम्यूटेटर पर दो अतिरिक्त कार्बन ब्रश लगाकर आर्मेचर के श्रेणी-क्रम में संयोजित किगा जाता है। कम्पेन्सेटेड वाइंडिंग के उपयोग से मोटर का पॉवर फैक्टर सुधर जाता है और गति-नियमन’ ( लोड परिवर्तन से गति प्रभावित होना) अच्छा हो जाता है।

रिपल्शन-स्टार्ट इण्डक्शन-रन मोटर Repulsion-start Induction-run Motor

इस प्रकार की मोटर में कम्यूटेटर पर एक तांबे की छल्ला इस प्रकार स्थापित किपा जाता है कि वह मोटर द्वारा पूर्ण घूर्णन-गति का 75% भाग प्राप्त कर लेने पर कम्यूटेटर को ‘शार्ट-सर्किट’ कर देता है, इस स्थिति में मटर सामान्य इण्डक्शन मोटर की भोति कार्य करती है। कुछ मोटर्स में ऐसी व्यवस्था भी की मोटर का प्रारम्भिक टॉर्क, पूर्ण लोड का 3 से 3.5 गुनी तक होता है तया प्रारम्भिक विद्युत धारा, पूर्ण लोड विद्युत धारा की 2 से 2.5 गुता तक होती है

रिपल्शन-इण्डक्शन मोटर Repulsion-induction Motor

इस प्रकार की मोटर के रोटर पर दो प्रकार की वाइंडिंग स्थापित की जाती हैं. एक तो सामान्य आर्मेचर वाइंडिंग और दूसरी डीप-केजे वाइंडिंग। प्रारम्भ में केवल आर्मेचर वाइंडिंग ही कार्य करती है क्योंकि इस समय फेज वाइंडिंग का रोटर-रिएक्टेन्स उच्च होता है। इस प्रकार, मोटर का प्रारंम्भिक टॉके उच्च रहता है। जब मोटर पूर्ण घुर्णन-गति प्राप्त कर लेती है तो केज वाइंडिंग प्रभावी हो जाती है जिससे मोटर परिवर्ती लोड पर भी अच्छा दौर प्रदान करती है तीन प्रकार की रिपल्शन मोटर की तुलनात्मक विशेषताएं टॉर्च गति बकरों द्वारा दर्शाई गई है 

इस मोटर का प्रयोग मशीन  टूल्स, रेफ्रिजरेटर, लेथ,एयर कंडीशन आदि में किया जाता है 

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